निवारक संरक्षण

निवारक संरक्षण का तात्पर्य ऐसा परिवेश तैयार करना है जिसमें अभिलेखीय सामग्री को नुकसान पहुंचाने वाले कारक मौजूद न हो। उचित परिवेश का नियंत्रण शेल्फ और अभिलेख संभलने के व्यवहार इत्यादि बुनियादी जरूरतें हैं जो अभिलेखीय सामग्रियों के निवारक संरक्षण उपायों के तौर पर आवश्यक है।
लोक अभिलेख अधिनियम और लोक अभिलेख नियमावली के अनुसार राष्ट्रीय अभिलेखागार द्वारा भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों तथा अन्य संबंधित संस्थाओं के लिए निर्धारित प्रतिधारण समय सूची कार्यक्रम के अनुसार 25 वर्ष की अवधि के पश्चात स्थायी अभिलेख राष्ट्रीय अभिलेखागार में अंतरित किए जाते हैं। धूल साफ करने के लिए एयर क्लिनिंग यूनिट में लगे एयर कम्प्रेशर का प्रयोग करके दस्तावेजों को साफ किया जाता है। तत्पश्चात अभिलेखों में मौजूद कीटों से छुटकारा पाने के लिये कार्बनडाइआक्साईड का प्रयोग करते हुए वैक्यूम फ्यूमिगेशन चैम्बर की मदद से अभिलेखों का धुम्रीकरण किया जाता है। इन दो प्रक्रियाओं के बाद दस्तावेज भंडारण कक्ष में भेजे जाते हैं। अभिलेखों का धुम्रीकरण थाइमोल और पैरा डीक्लोरो बेंजमिन इत्यादि जैसे रसायनों की मदद से पोर्टेबल फ्यूमिगेशन चैम्बर का प्रयोग करके भी किया जाता है। इस प्रकार, राष्ट्रीय अभिलेखागार का परिरक्षण किया जाता है।