रिकॉर्ड्स प्रबंधन (आरएम)

परिचय :
भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार लोक अभिलेख अधिनियम, 1993 तथा इस अधिनियम के तहत निर्मित लोक अभिलेख नियम, 1997 के कार्यान्वयन के लिए भारत सरकार की नोडल संस्था है। केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों, कार्यालयों आदि के अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, वैधानिक निकायों, निगमों, आयोगों, भारत सरकार द्वारा स्थापित समितियां इस अधिनियम के अंतर्गत आती हैं।
भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार न केवल भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के अभिलेखों के सुरक्षित अभिरक्षा के लिए जिम्मेदार है, बल्कि एक व्यवस्थित तरीके से अपने अभिलेखों के प्रबंधन को सुगम बनाने के लिए उपयुक्त तंत्र तैयार करने में भी यह लगा रहता है ताकि उनका प्रशासक और शोध छात्रों द्वारा आसानी से उपयोग किया सके| यह राज्य सरकारों, अभिरक्षी संस्थानों, आदि, को भी उनके अभिलेखों के उचित रखरखाव, संरक्षण और प्रबंधन में सलाह देता है। अभिलेख प्रबंधन में अभिलेखों के सृजन से अंतिम बंदोबस्त तक के उनके जीवन चक्र से सम्बंधित गतिविधियों के पूरे विस्तार को शामिल किया गया है। कार्यात्मक अभिलेख प्रबंधन के प्रमुख क्षेत्रों में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया गया है:
- अभिलेख प्रबंधन गतिविधियों में प्रशिक्षण:
- अभिलेखागार महानिदेशक की भूमिका को चित्रित करना:
- अभिलेखीय सलाहकार बोर्ड का गठन:
- एक अभिलेख कक्ष की स्थापना के लिए न्यूनतम आवश्यकता पर नोट
लोक अभिलेख अधिनियम, 1993 की धारा 6(1) के तहत निर्धारित विभिन्न कर्तव्यों से परिचित कराने के उद्देश्य से विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों), आदि, के निर्दिष्ट अभिलेख अधिकारियों के लिए नियमित रूप से अभिलेख प्रबंधन में अभिविन्यास पाठ्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सभी संबद्ध पक्षों की जानकारी के लिए अभिविन्यास पाठ्यक्रमों का कैलेंडर अपलोड किया गया है| इसके अतिरिक्त, अनुरोध पर, विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/पीएसयू, आदि, के लिए अभिलेख प्रबंधन में विशेष अनुकूलित प्रशिक्षण कार्यशालाएं भी आयोजित की जाती हैं।
- कार्यालय कार्यवाही के केन्द्रीय सचिवालय नियमावली परिशिष्ट 57 में निर्धारित प्रश्नावली के आधार पर विभागीय अभिलेख कक्षों का वार्षिक निरीक्षण भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार द्वारा नियमित रूप से किया जाता है।
- लोक अभिलेख अधिनियम, 1993 के कार्यान्वयन पर रिपोर्ट करना
लोक अभिलेख नियम, 1997 के प्रावधानों के तहत प्रत्येक अभिलेख निर्माता संस्था को अभिलेख प्रबंधन से संबंधित विभिन्न गतिविधियों पर आवधिक रिपोर्ट प्रस्तुत करना आवश्यक है, जैसे:
- गैर-वर्तमान अभिलेखों का मूल्यांकन
लोक अभिलेख नियम, 1997
- वर्गीकृत अभिलेखों की पदावनति
लोक अभिलेख नियम, 1997
- विभाग अभिलेख रूम की स्थापना, विभागीय अभिलेख अधिकारीयों के नामांकन, संगठनात्मक इतिहास, इसके तहत निष्क्रिय संगठनों के अभिलेख, आदि, की जानकारी के साथ इन गतिविधियों को दर्शाते हुए वार्षिक रिपोर्ट।
लोक अभिलेख नियम, 1997
- लोक अभिलेख अधिनियम, 1993 के कार्यान्वयन पर अभिलेखागार महानिदेशक की रिपोर्ट
- सार्वजनिक अभिलेखों को अभिलेखबद्ध, समीक्षा, अनुक्रमण और छँटाई करना
लोक अभिलेख नियम, 1997
लोक अभिलेख नियम, 1997, प्रपत्र 5 में प्रस्तुत की गई रिपोर्टों के आधार पर विभिन्न अभिलेख निर्माण संस्थाओं में लोक अभिलेख अधिनियम, 1993 के कार्यान्वयन पर अभिलेखागार महानिदेशक की वार्षिक रिपोर्ट भारतीय अभिलेखागार महानिदेशक द्वारा संसद में प्रस्तुत की जाती है|