मौलिक कार्य करने से संबंधित अभिलेखों का प्रतिधारण कार्यक्रमों की तैयारी के लिए दिशा-निर्देश

प्रत्येक संगठन अपने विभिन्न कार्यों को अंजाम देने के लिए अभिलेख का सृजन करता है। इन अभिलेखों को इनमें विचाराधीन मुद्दों पर कार्रवाई पूरी होने के पश्चात बंद (अभिलेखबद्ध) किया जाना होता है (जबकि पूरी तरह से अल्पकालिक फाइलों को जिनका संदर्भ अथवा शोध मूल्य न के बराबर होता है, उन्हें औपचारिक रूप से अभिलेखबद्ध करने की आवश्यकता नहीं है तथा एक वर्ष पश्चात् नष्ट किया जा सकता है परन्तु विभिन्न अन्य श्रेणियों के अभिलेख को उनके महत्व तथा संदर्भ मूल्य के अनुसार विभिन्न विशिष्ट अवधियों के लिए प्रतिधारित रखने की अपेक्षा होती है।
एक बढि़या अभिलेख प्रबंधन की पहली जरूरत यह सुनिश्चित करना है कि मितव्ययिता तथा कार्यकुशलता की कीमत पर अभिलेख को न तो आवश्यकता से अधिक समयावधि के लिए रखा जाना चाहिए तथा न ही समय से पूर्व नष्ट किया जाना चाहिए। इस प्रकार, विभिन्न श्रेणी के अभिलेखों हेतु विवेकपूर्ण प्रतिधारण अवधियों को निर्धारित करने के लिए, संबंधित संगठनों को एक अभिलेख प्रतिधारण अनुसूची (आरआरएस) तैयार करने की आवश्यकता होती है।
अभिलेख प्रतिधारण अनुसूचियों के प्रकार
अभिलेख प्रतिधारण अनुसूचियां दो प्रकार की होती हैं, जैसे कि :
1. मूल प्रकार्यों से संबंधित अभिलेख के लिए प्रतिधारण अनुसूची, तथा
2. मूल कार्यों से संबंधित अभिलेख के लिए अभिलेख प्रतिधारण अनुसूची