1993 सार्वजनिक रिकार्ड अधिनियम के तहत अभिलेखागार के महानिदेशक की भूमिका
महानिदेशक अभिलेखागार को लोक अभिलेख अधिनियम में निर्धारित लोक अभिलेखों के प्रशासन, प्रबंधन, परिरक्षण आदि से जुड़े सभी कार्यों के समन्वय और पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन कार्यों में सम्मिलित हैं : -
- अभिलेखों का पर्यवेक्षण, प्रबंधन तथा नियंत्रण ;
- यथा निर्धारित अवधि के बाद स्थायी प्रकृति के लोक अभिलेख के जमा करने के लिए स्वीकार करना ;
- लोक अभिलेख की अभिरक्षा, उपयोग तथा निकासी;
- लोक अभिलेख का प्रबंध, परिरक्षण तथा प्रदर्शन;
- लोक अभिलेख की माल-सूचियों, सूचक, सूचीपत्र तथा अन्य माध्यमों को तैयार करना;
- अभिलेख प्रबंधन प्रणाली में सुधार के लिए मानकों, प्रक्रियाओं तथा तकनीकों का विश्लेषण, विकास, प्रचार तथा समन्वयन करना;
- अभिलेखागार तथा अभिलेख सृजक एजेंसियों के कार्यालयों में लोक अभिलेखों के रखरखाव, प्रबंध तथा सुरक्षा को सुनिश्चित करना; लोक अभिलेख को संरक्षित करने के लिए उपलब्ध जगह को उपयोग लाने तथा उपकरणों के रखरखाव को बढ़ावा देना;
- अभिलेख सृजक एजेंसियों को अभिलेखों के संकलन, वर्गीकरण तथा निपटान के विषय पर तथा अभिलेख प्रबंधन के मानकों, प्रक्रियाओं तथा तकनीकों को अनुप्रयुक्त करने के विषय में सलाह देना;
- लोक अभिलेख के सर्वेक्षण तथा निरीक्षण करना;
- अभिलेख प्रशासन व अभिलेख प्रबंधन के विभिन्न प्रशिक्षण-विषयों के संबंध में प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आयोजित करना;
- किसी भी निजी स्रोत से अभिलेखों को स्वीकार करना;
- लोक अभिलेख की सुलभता का विनियमन करना;
- राष्ट्रीय संकटकाल में लोक अभिलेख की सुरक्षा की व्यवस्था करना तथा निष्क्रिय निकायों से अभिलेख प्राप्त करना;
- लोक अभिलेख की सत्यापित प्रतियों या उनसे सारांश उपलब्ध कराना;
- लोक अभिलेख को नष्ट करना या निपटान करना;
- ऐतिहासिक अथवा राष्ट्रीय महत्व के किसी दस्तावेज को पट्टे या क्रय करके या उपहार के रूप में हासिल करना।